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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) - दिवाली... ये शब्द सामने आते ही रोशनी से जगमग घर, शहर की तस्वीर दिमाग में आ जाती है। दिवाली हर भारतीय के लिए अपनों से जुड़े होने और अच्छाई करने की प्रेरणा देने वाला महापर्व है। दिवाली हमारे देश भारत के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। दिवाली को दीपावली भी कहते हैं। दीपावली को प्रकाश का पर्व कहा जाता है। दीपावली अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है जो हमारे देश की संस्कृति, सामाजिकता और सौहार्द्र को वैश्विक स्तर पर दर्शाता है। दीपावली के अवसर पर पांच दिनों तक दीपोत्सव मनाया जाता है जिसका समापन भाई दूज के बाद होता है। देश ही नहीं विश्वभर में मौजूद भारतीय मूल के लोग इस त्योहार को धूमधाम से मनाते हैं। गुरु नानक जयंती पर निबंध | पीएम इंटर्नशिप योजना

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - प्रस्तावना (Introduction)

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में

इस महापर्व को मनाने के पीछे कई मान्यताएं हैं। सबसे प्रमुख मान्यता भगवान राम द्वारा 14 वर्ष वनवास से अध्योध्या आगमन की है। इस वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम द्वारा माता सीता को हर कर ले जाने वाले अहंकारी रावण पर विजय प्राप्त करने की खुशी भी शामिल है। दिवाली का त्योहार यह संदेश भी देता है कि बुराई चाहे रावण जैसी बलवान और बुद्धिवान क्यों न हो, उसका एक दिन अंत होकर ही रहता है। बुराई का साथ देने वाले भले इंद्रजीत, कुंभकर्ण जैसे महाबली क्यों न हों उनका भी विनाश होना तय है। अपने पूज्य राम के रावण के विजय और वनवास समाप्त कर अयोध्या वापसी की खुशी में अयोध्यावासियों ने धूमधाम और हर्ष-उल्लास के साथ सजावट और तैयारियांं कर इस दिन को उत्सव की तरह मनाया तब से हर साल इस दिन यानी कार्तिक अमावस्या को दीपावली का उत्सव मनाया जाता है।

दिवाली त्योहार तथा इसकी खूबियों से छात्रों को परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं में दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) का प्रश्न हिंदी तथा अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पूछा जाता है। इस हिंदी दिवाली निबंध (Diwali Essay in Hindi) से उन युवा शिक्षार्थियों को फायदा मिलेगा जो दीपावाली त्योहार पर हिंदी में निबंध (Diwali Essay in Hindi) लिखना चाहते हैं। साथ ही उन्हे Diwali 2025 kab hai के बारे में जानकारी भी प्राप्त होगी। हमने नीचे दिए गए निबंध में शुभ दिवाली त्योहार (Happy Diwali Festival in Hindi) के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का एक छोटा-सा प्रयास किया है। बच्चे दिवाली पर हिंदी के इस निबंध (Diwali Essay in Hindi) से सीखकर लाभ उठा सकते हैं तथा वाक्य कैसे बनाए एवं किन बातों को दीपावली निबंध में जगह दी जाए, जैसी बातों को समझने के साथ ही अपने हिंदी लेखन कौशल को भी बेहतर बना सकते हैं।

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दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय व महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े ही उत्साहपूर्वक और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बच्चों को दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh) लिखकर त्योहार के बारे में अपने आनंदमय अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है। युवा आम तौर पर इस त्योहार को बहुत पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और उल्लास के पल लेकर आता है। अपने घर-परिवार से दूर अन्य प्रदेश, विदेश में रहकर रोजगार करने लोग भी इस समय अपने घर-परिवार के साथ दिवाली मनाने के लिए लंबी यात्रा कर अपनों के बीच आते हैं और अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं तथा अपने प्रियजनों के साथ दिवाली शुभकामनाएं (Happy Diwali wishes in Hindi) और उपहार साझा करते हैं।

दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh in hindi)

अधिकतर लोग इस दौरान ऑनलाइन साल 2025 में दिवाली कब है, ढूंढते रहते हैं (What is the real date of Diwali in 2025?)। ऐसे में आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2025 में दिवाली 21 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। छात्र इस लेख में नीचे दिए गए दिवाली त्योहार पर निबंध (Essay of Diwali Festival) की जांच कर सकते हैं और दिवाली त्योहार के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव व्यक्त करने या साझा करने के लिए इस विषय पर कुछ पंक्तियां लिखने का प्रयास कर सकते हैं। बच्चों को कक्षा मे दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) लिखने को कहा जाता है। दिवाली पर निबंध (diwali par nibandh) लिखने के लिए आपको इस लेख से मदद मिलेगी।

दिवाली के पावन अवसर पर धन की देवी माँ लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश जी व कुबेर जी की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना गया है। लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करने को सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। इसके अलावा प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन विशेष फलदायक होता है। ऐसी मान्यता है कि स्थिर लग्न में की गई अपनी पूजा-आराधना से प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी आराधक के घर में निवास करने लगती हैं। इस समय अधिकतर लोग ये जानना चाहते हैं कि Diwali 2025 kab hai। वर्ष 2025 में दीपावली का पर्व 21 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दीवाली 2025 में पूजा मुहूर्त

  • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त - शाम 07:08 से रात 08:18 बजे तक
  • अवधि - 01 घण्टा 11 मिनट्स
  • प्रदोष काल - शाम 05:46 से रात 08:18 बजे तक
  • वृषभ काल - शाम 07:08 से रात 09:03 बजे तक
  • अमावस्या तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 20, 2025 को शाम 03:44 बजे
  • अमावस्या तिथि समाप्त - अक्टूबर 21, 2025 को शाम 05:54 बजे

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यहां बच्चों के लिए दिवाली पर हिंदी में निबंध (diwali par nibandh in hindi) दिया गया है, जिसकी मदद दीपावली पर निबंध (deepavali par nibandh) लिखते समय ली जा सकती है:

दीपावली का अर्थ: दिवाली जिसे "दीपावली" के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। ‘दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ का अर्थ होता है ‘दीपक’ तथा ‘आवली’ का अर्थ होता है ‘शृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपों की शृंखला या दीपों की पंक्ति। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यह त्योहार दुनिया भर के लोगों द्वारा बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि इसे हिंदू त्योहार माना जाता है, लेकिन विभिन्न समुदायों के लोग भी पटाखे और आतिशबाजी के जरिए इस उज्ज्वल त्योहार को मनाते हैं।

दीपावली त्योहार की तैयारी: दीपावली त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिनों पहले ही आरंभ हो जाती है। दीपावली के कई दिनों पहले से ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई करने में जुट जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि जो घर साफ-सुथरे होते हैं, उन घरों में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी विराजमान होती हैं तथा अपना आशिर्वाद प्रदान करके वहां सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करती हैं। दिवाली के नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीपक और तरह-तरह के लाइट्स से सजाना शुरू कर देते हैं।

दिवाली में पटाखों का महत्व: दीपावली को "रोशनी का त्योहार - प्रकाश पर्व" कहा जाता है। इस दिन लोग मिट्टी के बने दीपक जलाते हैं और अपने घरों को विभिन्न रंगों और प्रकारों की रोशनी से सजाते हैं, जिसे देखकर कोई भी मंत्रमुग्ध हो सकता है। इस पर्व में बच्चों को पटाखे जलाना और विभिन्न तरह के आतिशबाजी जैसे फुलझड़ियां, रॉकेट, फव्वारे, चक्री आदि बहुत पसंद होते हैं।

महत्वपूर्ण लेख:

  • बिहार बोर्ड 10वीं टाइमटेबल देखें
  • छत्तीसगढ़ बोर्ड 10वीं टाइम टेबल
  • एमपी बोर्ड 12वीं टाईमटेबल देखें
  • एमपी बोर्ड 10वीं टाईमटेबल देखें

दिवाली का इतिहास : हिंदू मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन ही भगवान श्री राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और उनके उत्साही भक्त हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे, अमावस्या की रात होने के कारण दिवाली के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पूरे अयोध्या को दीपों और फूलों से भगवान श्री राम चंद्र के लिए सजाया गया था, ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो, तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस शुभ अवसर पर, बाजारों में भगवान गणेश जी, लक्ष्मी जी, राम जी आदि की मूर्तियों की खरीदारी की जाती है। इस दौरान बाजारों में खूब चहल-पहल होती है। लोग इस अवसर पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नए बहीखाते की शुरुआत करते हैं। साथ ही, लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है। लोग दिवाली के त्योहार के अवसर पर अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं।

दीपवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

दीपावाली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व के पावन अवसर पर भी कुछ असामाजिक तत्व अपने बुरी आदत जैसे शराब का सेवन, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों के गलत इस्तेमाल से इसे ख़राब करने में जुटे रहते हैं। अगर समाज में दीपावाली के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो दिवाली का पर्व वास्तव में शुभ दीपावली हो जाएगा।

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  • दीपावली का त्योहार लगभग 5 दिनों का होता है। जिस के पहले दिन धनतेरस होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु की वस्तुएं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं।
  • दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।
  • तीसरा दिन दीपावली त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • दीपावली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।
  • दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।

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दीपावली पर निबंध (dipawali per nibandh) 150 शब्द (कक्षा 4 और 5 के छात्रों के लिए)

दिवाली पर निबंध (diwali nibandh in hindi) कक्षा 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में उपयुक्त हैं।

दिवाली पर निबंध हर साल परीक्षाओं में आने वाले सबसे महत्वपूर्ण निबंधों में से एक है। दिवाली, रोशनी का त्योहार है। यह हिंदू धर्म का एक बहुत पुराना उत्सव है। मान्यता है कि त्रेता युग में भगवान राम ने रावण का वध किया और लंका विजय के बाद माता सीता को लेकर अध्योध्या वापस लौटे। भगवान राम के 14 वर्षों के वनवास की समाप्ति और रावण पर विजय के साथ माता सीता को मुक्त कराकर अयोध्या लौटने की खुशी में अयोध्यावासियों ने घर-घर दीपक जलाए। खुशियां मनाईं। यह परंपरा आज भी जारी है। दुनियाभर में हिंदू धर्मावलंबी बहुत उत्साह के साथ दीपावली मनाते हैं।

इस त्योहार को लेकर बच्चों में खासा उत्साह रहता है। घर, दुकान में दीपावली से पहले सफाई की जाती है। सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं। बच्चे पटाखे छोड़ते हैं। लोग अपने घरों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाते हैं। दीपक जलाते हैं। दुकानों-प्रतिष्ठानो में मां लक्ष्मी की पूजा होती है। मिठाईयां बांटी जाती है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह अंधकार को दूर कर प्रकाश का भी प्रतीक है।

दिवाली पर निबंध (diwali nibandh in hindi) 250 शब्द (कक्षा 6,7 और 8 के छात्रों के लिए)

250 शब्दों की शब्द सीमा वाले दिवाली निबंध कक्षा 6,7 और 8 के छात्रों की परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। दिवाली उल्लास और उत्सव का समय है। यह वह दिन है जब राजा रामचंद्र ने असुर सम्राट रावण को हराया और 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे। अयोध्या वापसी पर अयोध्यावासियों ने अपने राजा राम का स्वागत दीप जलाकर किया। मान्यता है कि रामचंद्र की वापसी की खुशी में दीपावली मनाई जाती है।

लोग रंग-बिरंगी रोशनी से घरों को सजाते हैं। दीप-मोमबत्ती जलाते हैं। पकवान बनते हैं। लोग नए कपड़े पहनते हैं। मां लक्ष्मी की पूजा होती है। बच्चे और बड़े पटाखे-आतिशबाजी करते हैं।

आतिशबाजी दिवाली का एक लोकप्रिय हिस्सा बन गई है, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि त्योहार की असली भावना अपने प्रियजनों के साथ खुशियाँ फैलाना है। दिवाली जैसे त्यौहार परिवारों और दोस्तों के बीच के आपके बंधन को मजबूत करता है। यह एक ऐसा समय है जब हर कोई अपने परिवारों के साथ जश्न मनाने के लिए अपने गृहनगर वापस जाता है।

दिवाली के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश रहता है। इसलिए हर कोई त्योहार का आनंद उठाता है। रात होते ही उत्साह बढ़ता है। हर तरफ रोशनी दिखती है। माहौल में उल्लास का अनुभव होता है। दिवाली हमें धैर्य और जीवन में अच्छी चीजों की प्रतीक्षा करने का मूल्य सिखाती है। बच्चे उत्सुकता से उन स्वादिष्ट मिठाइयों और पकवानों का इंतज़ार करते हैं। यह एक ऐसा समय भी है जब घरों और आसपास की जगहों की अच्छी तरह सफाई होती है। दिवाली इस बात की शिक्षा देती है कि "अच्छे लोग हमेशा बुरे लोगों पर विजय प्राप्त करते हैं।"

दिवाली पर 300 शब्दों में निबंध (कक्षा 9,10 और 11 के छात्रों के लिए)

300 शब्दों में दिवाली पर निबंध कक्षा 9,10 और 11 के छात्रों के लिए उनकी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह निबंध अक्सर हिंदी लेख में पूछा जाता है।

भारतीय संस्कृति में त्यौहार मानव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। वे हमारे मूल्यों की एक विशेष याद दिलाते हैं। त्योहार हमारी एकता, उल्लास और मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं, इसे चरितार्थ करते हैं। दीपावली एक ऐसा ही एक त्यौहार है जिसे बहुत खुशी के साथ मनाया जाता है। दिवाली एक हिंदू त्यौहार है जो लंका के राजा रावण के साथ एक बड़ी लड़ाई के बाद श्रीरामचंद्र की अयोध्या वापसी का प्रतीक है। यह अंधकार पर प्रकाश का द्योतक है। त्यौहार में लोग मिलजुलकर खुशियां बांटते हैं।

दिवाली हमें सभी के प्रति दयालु होने और धैर्य रखने की याद दिलाती है। हमारी मान्यताओं का हमारे सोचने के तरीके पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है, इसलिए हमें दिवाली जैसे त्यौहारों में अपने विश्वास को बनाए रखना चाहिए। हालांकि दिवाली की रात को लोग पटाखे और आतिशबाजी करते हैं। यह कई बार लोगों की असुविधा का भी कारण बनता है। आतिशबाज़ी हवा में हानिकारक गैसें छोड़ती हैं, जिससे प्रदूषण होता है। इससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पटाखे की तेज आवाज आस-पास रहने वाले जानवरों को भी डराते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए, दूसरों को खतरे में डाले बिना, ज़िम्मेदारी से जश्न मनाना ज़रूरी है। दिवाली के दौरान, हमारे घर ताज़े पके हुए खाने की स्वादिष्ट खुशबू से भर जाते हैं। हम त्योहार के दौरान बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं और उनका आनंद लेते हैं। लेकिन हमें यह याद रखना चाहिए कि त्योहार हमें करीब लाने और हमारे बंधन को मजबूत करने के लिए होते हैं, न कि उत्सव के नाम पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए। तो, आइए दिवाली को खुशी, दया और सभी जीवित प्राणियों और हमारे आस-पास की दुनिया के लिए विचार के साथ मनाएं।

दिवाली का त्योहार आने के 10-12 दिन पहले से ही बच्चों में इस त्योहार का उमंग दिखने लगता है। कोई अपने घरों में घरौंदा बनाने में जुट जाता है तो कोई कंदील तैयार करने में लग जाता है। स्कूलों में भी दिवाली के अवसर पर बच्चों के बीच रंगोली प्रतियोगिता, कंदील प्रतियोगिता जैसे इवेंट का आयोजन होता है जिसमें बच्चे अपनी रचनात्मक क्षमता दिखाते हैं। इस दौरान बच्चों का उत्साह देखते ही बनता है। इसके अलावा कई संस्थाओं द्वारा भी दिवाली पर कार्यक्रमों का आयोजन कर सामाजिक सद्भाव का संदेश देते हुए मिठाई और ग्रीन पटाखे बांटे जाते हैं।

दीपावली के दिन घर में मिट्टी का घरौंदा रखने का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। हालांकि बीते समय के साथ लोग इसको भूलने लगे हैं, लेकिन आज भी मान्यताओं को मानने वाले लोग मिट्टी, लकड़ी आदि से घरौंदा बनाकर घरों में रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दीपावली के दिन घर में घरौंदा बनाने से घर में माता लक्ष्मी का वास होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है। कंदील सजाकर रखने से सकारात्मकता का भाव घर में बना रहता है।

दीपावली के अवसर पर बाजार में चहल-पहल बढ़ जाती है। तरह-तरह की दुकानें सजती हैं। मिट्‌टी के दीये, पटाखे, सजावट के सामान, फूल, कृत्रिम फूल, रंगोली बनाने का सामान, विभिन्न प्रकार की रंग-बिरंगी लाइट, कपड़े, मिठाईयां, बर्तन की दुकानें सड़क के किनारे सज जाती हैं। पूरा माहौल आनंद और उल्लास से भर जाता है। लोग घरों की सफाई करते हैं। उपयोग में आने वाली नई चीजें खरीदते हैं। इस अवसर का लाभ ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां भी उठाती हैं। वे ग्राहकों को तरह-तरह के लुभावने ऑफर देते हैं और छूट देकर अधिक से अधिक बिक्री करना चाहते हैं। लोग उपहार में एक-दूसरे को मिठाईयां देते हैं। कंपनियाें में अपने कर्मचारियों को गिफ्ट देने की परंपरा है। कंपनियां अपने कर्मियों को बर्तन, थर्मस, प्रेशर कूकर, आयरन, ट्रॉली बैग आदि के साथ मिठाईयां और नमकीन के पैकेट उपहार में देती हैं।

बच्चों को दीपावली का इंतजार सबसे अधिक इंतजार रहता है। क्योंकि उन्हें विभिन्न तरह के पटाखे चलाने को मिलता है। बच्चे अपने अभिभावकों से दिवाली से दो-चार दिन पहले ही अपने लिए फुलझड़ियां, अनार, पटाखे, बंदूक खरीदवा लेते हैं। और घर-बाहर धमा-चौकड़ी मचाते हुए पटाखे छोड़ते हैं। हालांकि पटाखे चलाते समय असावधानी रखने पर कभी-कभी दुर्घटना भी होती है। हाथ-पैर जल जाते हैं। इसलिए पटाखे चलाते समय बच्चों को ध्यान रखना चाहिए कि किसी को कोई नुकसान न हो। हालांकि दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध है। और भारी आवाज और रोशनी वाले पटाखे नहीं चला सकते। क्योंकि ये पटाखे भारी मात्रा में धुंआ छोड़ते हैं जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है। इससे सांस के मरीजों की तकलीफ बढ़ जाती है। वहीं तेज आवाज वाले पटाखे से जानवर खासकर कुत्ते सहम जाते हैं। इसलिए उनकी परेशानी का भी ध्यान रखना चाहिए। बिहार में भी राजधानी पटना के अलावे मुजफ्फरपुर, गया और हाजीपुर में किसी प्रकार के पटाखों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। क्योंकि पिछले वर्ष इन चार शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बहुत खराब या गंभीर पाई गई थी। हालांकि ग्रीन पटाखों का उपयोग रात 8 से 10 बजे तक किया जा सकता है।

विभिन्न राज्यों में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर अन्य सभी पटाखों के निर्माण, बिक्री, फोड़ने और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। साथ ही कॉमर्शियल वेबसाइट पर पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाई गई है। ग्रीन पटाखों के लिए भी समय सीमा निर्धारित की गई है। ग्रीन पटाखों में प्रदूषण फैलाने वाल पीएम पार्टिकल्स कम मात्रा में होते हैं।

दीपावली एक महत्वपूर्ण पर्व है जिस पर सभी एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियां साझा करते हैं और दूसरों के सुखमय जीवन की कामनाएं करते हैं। दीपावली के शुभ अवसर पर परिजनों, ईष्टमित्रों से किन शब्दों में अपनी शुभकामना व्यक्त करें, यह उलझन होती है। नीचे कुछ दिवाली शुभकामना संदेश दिए गए हैं जिनकी मदद से आपको अपनी भावना व्यक्त करने में सहूलियत होगी-

  • प्रकाश व खुशियों के महापर्व दीपावाली आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...
  • देवी महालक्ष्मी की कृपा से आपके घर में हमेशा उमंग और आनंद की रौनक हो। इस पावन मौके पर आप सबको दीपावाली की हार्दिक शुभकामनाएं। शुभ दीपावली!
  • प्रकाश के महापर्व दीपावली पर मेरी कामना है कि आपको समृद्धि, खुशी और अपार सफलता मिले। शुभ दीपावली!
  • लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार, सोने चांदी से भर जाए आपका घर-बार, आपके जीवन में आए खुशियां अपार, यही कामना है आपके लिए उपहार। दीपावली की बधाई...
  • शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसंपदा । शत्रुबुद्धि-विनाशाय दीपज्योती नमोऽस्तुते ।। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।।
  • प्रकाश का महापर्व दीपावली आपके घर में लाए खुशहाली, आप और आपके परिवार को हैप्‍पी दिवाली।
  • गणपति और मां लक्ष्मी आपके दुखों का नाश करें। रोशनी के दीप आपके घर में खुशहाली लाएं। दिवाली की ढेर सारी बधाई...
  • गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर भाषण
  • प्रदूषण पर निबंध
  • बाल दिवस पर हिंदी में भाषण

दिवाली स्वयं के अंदर के अंधकार को मिटा कर समूचे संसार को प्रकाशमय बनाने का त्योहार है। बच्चे इस दिन अपनी इच्छानुसार बम, फुलझड़ियाँ तथा अन्य पटाखे खरीदते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि दीपावली के त्योहार का अर्थ दीप, प्रेम तथा सुख-समृद्धि से है। ऐसे में पटाखों का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक और अपने बड़ों के सामने रहकर करना चाहिए। दिवाली का त्योहार हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। दीपावली का त्योहार सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है। हिंदी साहित्यकार गोपालदास नीरज ने भी कहा है, "जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।" इसलिए दीपावली पर प्रेम और सौहार्द को बढ़ावा देने के प्रयत्न करने चाहिए।

इन्हें भी देखें

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  • यूके बोर्ड 10वीं डेट शीट
  • यूपी बोर्ड 10वीं एडमिट कार्ड
  • आरबीएसई 10वीं का सिलेबस

1) दीपावली को दीपों का त्योहार या दीपोत्सव भी कहा जाता है।

2) दिवाली भारत के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।

3) यह त्यौहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।

4) इस अवसर पर हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।

5) बच्चे इस त्योहार पर पटाखे जलाकर बहुत खुश होते हैं।

6) हिंदुओं में इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।

7) बच्चे, बूढ़े और जवान, सभी इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा करते हैं।

8) इस दिन सभी लोग अपने दोस्तों और पड़ोसियों को मिठाइयाँ और उपहार देते हैं।

9) भारत में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है और लोग इस त्योहार को बड़े धूम-धाम के साथ मनाते हैं।

10) यह हिंदुओं के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, जिसे अन्य धर्म और संप्रदाय के लोग भी आपस में मिलजुल कर मनाते हैं।

  • हिंदी दिवस पर कविता | हिंदी दिवस पर निबंध | हिंदी दिवस पर भाषण

दिवाली 2025 में 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। दीपावली को दीप उत्सव भी कहा जाता है, क्योंकि दीपावली का मतलब होता है दीपों की अवली यानि पंक्ति। दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है।

किस वर्ष दीपावली कब है

  • 2022 - सोमवार, 24 अक्टूबर
  • 2023 - रविवार, 12 नवम्बर
  • 2024 - शुक्रवार, 1 नवम्बर
  • 2025 - सोमवार, 20 अक्टूबर
  • 2026 - रविवार, 8 नवम्बर
  • 2027 - शुक्रवार, 29 अक्टूबर
  • 2028 - मंगलवार, 17 अक्टूबर
  • 2029 - सोमवार, 5 नवम्बर
  • 2030 - शनिवार, 26 अक्टूबर
  • 2031 - शुक्रवार, 14 नवम्बर
  • 2032 - मंगलवार, 2 नवम्बर

Frequently Asked Questions (FAQs)

दिवाली 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी और साथ ही अंधकार पर रोशनी का प्रतीक है। अपने घरों की सफाई और उन्हें तरह तरह के लाइट से सजाने के बाद लक्ष्मी गणेश की पूजा के साथ दीपावली का त्योहार धूम धाम से मनाया जाता है, तथा रात के समय बच्चे आतिशबाजी का भी लुफ्त उठाते हैं।

इस त्योहार के दौरान, लोग अपने घरों को रंगोली और तेल के दीयों से सजाते हैं, जिन्हें दीपक कहा जाता है। सभी एक दूसरे को बधाई देते हैं, अच्छे अच्छे पकवान बनाते हैं, पटाखों से आतिशबाजी करते हैं और मिल-जुल कर सौहार्द के साथ दिवाली के पर्व को मनाते हैं।

दीपावली' संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ अर्थात ‘दीपक’ और ‘आवली’ अर्थात ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब हुआ दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति।

आप इस लेख की सहायता से दिवाली पर हिंदी में निबंध लिख सकते है, पूरे लेख को ध्यान से पढ़ें और समझें की आप किस तरह से दिपावली पर हिंदी निबंध लिख सकते हैं।  

दिवाली का त्योहार मिट्टी के दीप या फिर तरह -तरह के लाइट और रंगोली से अपने घर को सजा कर, खुशियां बाँट कर, लक्ष्मी गणेश की पूजा करके, अच्छे अच्छे पकवान बना कर हर्ष और उल्लास के साथ दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

साल 2024 में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। हालांकि कुछ प्रदेशों में 1 नवंबर को भी दीपावली मनाई जाएगी। 

लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में करना सर्वाधिक फलदायक माना जाता है। प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में लक्ष्मी पूजन का और विशेष महत्व है। साल 2023 में दिवाली के अवसर पर 12 नवंबर को लक्ष्मी पूजन मुहूर्त गृहस्थजनों के लिए सायं 05:41 मिनट से रात 07:37 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन मुहूर्त की कुल अवधि लगभग 01 घंटे 55 मिनट रहेगी। 

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Questions related to CBSE Class 10th

If you're looking for directions or steps to reach Sadhu Ashram on Ramgart Road in Aligarh, here’s how you can get there:

Steps to Reach Sadhu Ashram, Ramgart Road, Aligarh:

Starting Point:

  • Determine your starting point in Aligarh or the nearby area.

Use Google Maps:

  • Open Google Maps on your phone or computer.
  • Enter "Sadhu Ashram, Ramgart Road, Aligarh" as your destination.
  • Follow the navigation instructions provided by Google Maps.

By Local Transport:

  • Auto-rickshaw/Taxi: Hire an auto-rickshaw or taxi and inform the driver about your destination. Most local drivers should be familiar with Sadhu Ashram.
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Landmarks to Look For:

  • As you approach Ramgart Road, look for local landmarks that might help you confirm you’re on the right path, such as known shops, temples, or schools nearby.

Ask for Directions:

  • If you're unsure, ask locals for directions to Sadhu Ashram on Ramgart Road. It's a known location in the area.

Final Destination:

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hello Zaid,

Yes, you can apply for 12th grade as a private candidate .You will need to follow the registration process and fulfill the eligibility criteria set by CBSE for private candidates.If you haven't given the 11th grade exam ,you would be able to appear for the 12th exam directly without having passed 11th grade. you will need to give certain tests in the school you are getting addmission to prove your eligibilty.

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You are not eligible for cbse board but you can still do 12th from nios which allow candidates to take admission in 12th class as a private student without completing 11th.

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n a morning walk three persons step of together therir steps measure 80cm 85cm 90 cm  what is the minimum distance that each should walk so that all can cover the same distance in complete steps ? what are the benifits of morning walk?

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi 2024): दीपावली पर निबंध हिंदी में 

Diwali essay in hindi : हैप्पी दिवाली यहां देखें दिवाली पर हिंदी निबंध और बच्चों के लिए छोटे-छोटे पैराग्राफ, दीपावली त्यौहार पर आसान 10 लाइन्स और 150 शब्दों में दिवाली निबंध। सभी निबंध pdf रूप में free डाउनलोड करें।.

Garima Jha

दिवाली पर हिंदी निबंध (Essay on Diwali in Hindi ): दीपावली, भारत में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह त्योहार, हर साल, केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के भारतीय समुदायों में विशेष आनंद और उत्सव के साथ मनाया जाता है। "दीपावली" शब्द का अर्थ होता है "दीपों की श्रृंखला"।  यह शब्द बना है "दीप" और "आवली" को जोड़ कर जिन्हें संस्कृत भाषा के शब्दों से लिया गया है।

दीपावली को दिवाली या दीवाली भी कहा जाता है।  यह त्योहार हर घर में खुशियों की सौगात लाता है और इस दिन हर घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यूँ तो दीवाली पांच दिनों का त्यौहार है जहां हर एक दिन का एक अलग महत्व है लेकिन आमतौर पर 2 दिन सबसे खास होते हैं - छोटी दिवाली और दिवाली। आमतौर पर दिवाली का त्यौहार अक्टूबर के मध्य से नवंबर के मध्य में पड़ता है। दीपावली कार्तिक माह के पंद्रहवें दिन अमावस्या को मनाई जाती है। 2024 में दिवाली, शुक्रवार, 1 नवंबर को है। 

दिवाली पर हिंदी निबंध: Hindi Essay on Diwali 2024

Diwali essay in hindi in 10 lines.

लाइन 1: दिवाली, दीवाली या दीपावली को 'रोशनी का त्योहार' भी कहा जाता है।

लाइन 2: कई भारतीय संस्कृतियों के लिए दिवाली का त्यौहार ही नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।

लाइन 3: दिवाली बुराई पर अच्छाई के डेट का प्रतिक है क्यूंकि इसी दिन भगवान् राम रावण को हराने के बाद 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे।

लाइन 4: इस दिन अयोध्यावासियों ने अपने श्री राम के लौटने की खुशी  में अपने घरों और पूरे शहर को दीयों से सजाया था।

लाइन 5: दिवाली पर लोग अपने घरों को साफ करते हैं,  फूलों से सजाते हैं, रंगोली बनाते हैं, दीये जलाते हैं और पूरे घर को रोशनी  से भर देते हैं।

लाइन 6: पड़ोसी, दोस्त, रिश्तेदार एक-दूसरे से प्यार से मिलते हैं और उपहार एवं मिठाइयाँ लेते - देते हैं।

लाइन 7: दीवाली की रात देवी लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है।

लाइन 8: दिवाली पांच दिनों का त्योहार है।

लाइन 9: दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है।

लाइन 10: दीपावली सिर्फ एक त्यौहार नहीं बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

हिंदी दिवाली निबंध - Diwali Essay in Hindi in 200 Words

दिवाली एक हिंदू त्योहार है जिसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है।आमतौर पर दिवाली अक्टूबर या नवंबर में आता है। इस दिन श्री राम लंकापति रावण को हराने के बाद अपनी नगरी - अयोध्या - लौटे थे। भगवान राम की अयोध्या वापसी अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

दीपावली पांच दिवसीय त्यौहार है। दिवाली त्यौहार के दौरान, घरों को साफ किया जाता है और घर के हर कोने को दीपक, फूलों और रंगीन रंगोलियों से सजाया जाता है। लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। दिवाली की रात यानि इस पूरे त्यौहार के मुख्या शाम को लोग धन और समृद्धि के देवी-देवता, लक्ष्मी मान और भगवान गणेश की विशेष पूजा करते है।

दिवाली 2024 

दिवाली का महत्त्व, दिवाली के पांच दिन: about all 5 days of diwali.

दिवाली पांच-दिवसीय उत्सव है। 

पहले दिन के उत्सव को धनतेरस कहा जाता है। यह दिन नई चीजें, खासकर सोना और चांदी खरीदने के लिए शुभ दिन माना जाता है। 

दूसरा दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने का दिन है क्योंकि इस दिन बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए विशेष अनुष्ठान किये जाते हैं। 

दिवाली, यानि के तीसरे दिन, रावण को हराने के बाद भगवान राम की अपने राज्य अयोध्या में वापसी का जश्न है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवन गणेश की भी पूजा की जाती है। 

दिवाली का चौथा दिन गोवर्धन पूजा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था। 

हम दिवाली क्यों मनाते हैं?

दिवाली पर लंबा निबंध - long essay on diwali in hindi, प्रदूषण मुक्त और पर्यावरण-अनुकूल दीपावली .

दीपावली भारत में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय और शुभ त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक है। दिवाली हिंदू कैलेंडर में कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाई जाती है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में आती है।

दिवाली संस्कृत के शब्द दीपावली से बना है, जिसका अर्थ है "दीपकों की पंक्ति।" यह त्यौहार नए हिंदू वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है। इस पर्व को घर के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाकर मनाया जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली दुनिया भर के हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का जश्न मनाने का समय है। 

दीपावली मानाने के पीछे कई कथन हैं।  रावण को हराने के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है। श्री राम को 14 साल के लिए अयोध्या से वनवास दिया गया था और उनकी वापसी को बहुत खुशी और उत्सव के साथ मनाया गया था। अयोध्या के लोगों ने उनके स्वागत के लिए दीये जलाए और अपने घरों को सजाया। दिवाली मनाने का एक अन्य कारण धन और समृद्धि की हिंदू देवी लक्ष्मी का सम्मान करना है। लोग धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए दिवाली की रात लक्ष्मी पूजा करते हैं।

दिवाली पूरे भारत में बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाई जाती है। लोग इस त्योहार की तैयारी हफ्तों पहले से ही शुरू कर देते हैं। वे अपने घरों को साफ करते हैं, उन्हें रोशनी और रंगोलियों से सजाते हैं और नए कपड़े खरीदते हैं। दिवाली की रात, लोग अपने घरों और कार्यालयों के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाते हैं। वे धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए लक्ष्मी पूजा भी करते हैं। पूजा के बाद, लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। लोग स्वादिष्ट भोजन और मिठाइयाँ बनाते हैं और उन्हें अपने प्रियजनों के साथ बाँटते हैं।

दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। लोग अपने घरों को साफ करते हैं और सजाते हैं, नए कपड़े खरीदते हैं और स्वादिष्ट भोजन तैयार करते हैं। दिवाली की रात, लोग दीये जलाने, लक्ष्मी पूजा करने और उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए इकट्ठा होते हैं। दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। यह सभी गिले-शिकवे भूल कर नई शुरुआत करने का समय है। दिवाली आनंद और खुशियाँ फैलाने का भी समय है। दिवाली के अवसर पर समृद्ध घर-परिवार के लोग दान देते हैं और जरूरतमंदों की मदद करते हैं। 

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Diwali essay: दिवाली के दिन ही भगवान श्रीराम 14 वर्षों के वनवास के बाद राज्य लौटे थे और उन्हीं के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दिए जला कर उत्सव मनाया था।.

  • दीपों का त्योहार है दिवाली।
  • 14 वर्षों के वनवास के बाद हुआ था श्रीराम का आगमन।
  • घरों और बाजारों की रौनक देखते ही बनती है।

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi 2024)

  • November 19, 2024
  • Read Time: 1 Minute
  • Publish Date: October 29, 2024

Diwali Essay in Hindi 2024: दिवाली हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला प्रसिद्ध त्यौहार है। यह त्योहार पूरे भारतवर्ष में उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार को हम दीपावली भी कहते हैं, जो दो शब्दों से मिलकर बना है-दीप्+आवली= दीपावली जिसका अर्थ है दीपों की पंक्ति या कतार,यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीरामचंद्र जी अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास काटकर आज ही के दिन अयोध्या  वापस लौटे थे और इसी खुशी में अयोध्या वासियों ने उनका स्वागत घी के दीए जलाकर किया था। तब  से आज तक दिवाली इसी तरह मनाई जाती  है। 

दीपावली 5 दिनों तक चलने वाला त्यौहार है धनतेरस, छोटी दीपावली, दीपावली, गोवर्धन पूजन, भैयादूज ये त्योहार दिवाली के साथ आने वाले त्योहार है।  दीपावली से पहले ही लोग अपने घर की साफ, सफाई, रंग, पुताई आदि करते हैं और फिर दिवाली वाले दिन अपने घरों को फूलों और झालर लड़ियों आदि से सजाते हैं, रंगोली बनाते हैं,दिए जलते हैं। गणेश जी व माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं तथा अपने दोस्तों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों से मिलते हैं। उन्हें मिठाइयां व उपहार भेंट करते हैं।

  •   ▪   दीपावली कब है? दीपावली का शुभ मुहूर्त
  •   ▪   दीपावली पर पैराग्राफ [Paragraph on Diwali in Hindi]
  •   ▪   दिवाली पर निबंध 100 शब्दों में [Diwali Essay in 100 Words]
  •   ▪   दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में [Essay on Diwali in 200 Words]
  •   ▪   दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में:-[Essay on Diwali in 500 words]
  •   ▪   दीपावली पर निबंध 1000 शब्दों में [Essay on Diwali in 1000 words]
  •   ▪   दीवाली के साथ मनाए जाने वाले अन्य त्यौहार [Other Festivals Which Are Celebrated with Diwali]
  •   ▪   Are you preparing for Board Exams for Class 10 and 12?
  •   ▪   FAQs

दीपावली कब है? दीपावली का शुभ मुहूर्त

पूरे भारतवर्ष में दिवाली का महापर्व इस वर्ष 31 अक्टूबर 2024 गुरुवार को मनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त किसी भी अन्य दिन दिवाली मनाना शास्त्रानुसार उचित नहीं है क्योंकि प्रदोष काल से महरात्रि व्यापिनी कार्तिक अमावस्या में लक्ष्मी पूजन करना ही उचित है।क्योंकि 31 अक्टूबर 2024 यानी बृहस्पतिवार/गुरुवार को अमावस्या तिथि 2 बजकर 40 मिनट से लग रही है। इससे पहले चतुर्दशी तिथि है। यही वजह है कि यह त्यौहार 31 अक्टूबर को ही मनाना उचित होगा। क्योंकि दिवाली में महारात्री में अमावस्या तिथि ही होनी चाहिए क्योंकि उदमा तिथि का कोई महत्व नहीं है और एक नवम्बर 2024 को शाम के समय अमावस्या नहीं है। ऐसे में 1 नवम्बर को दिवाली मानना शास्त्र संवत नहीं है। दिवाली के त्यौहार पर इसको मनाने के या एक नवम्बर की इसी मतभेद को दूर करने के लिए बड़े–बड़े ज्योतिष व विद्वान एक मंच पर आ गए हैंविद्वानों,ज्योतिषों और मेहनतों की समिति द्वारा 31 अक्टूबर 2024 निशिता मुहूर्त में ही मनाने की घोषणा की है।

दीपावली पर पैराग्राफ [Paragraph on Diwali in Hindi]

दिवाली का त्यौहार खुशी व उमंग का त्यौहार है। इस त्यौहार की तैयारी कई दिन पहले से ही शुरु कर दी जाती है। दिवाली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन श्री रामचंद्र जी रावण का वध करने के बाद पत्नी सीता व भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष बाद अयोध्या वापस आए थे और नगर वासियों ने उनके वापस आने की खुशी में पूरी नगरी को घी के दिये जलाकर सजाया था।बस उसी दिन से दिवाली इसी तरह मनाई जाती है और दीप जलाए जाने की परंपरा की वजह से इसे दीपोत्सव भी कहा जाता है। इस दिन प्रत्येक व्यक्ति अपने घर,दुकान, कार्यस्थलों को अच्छी तरह से सजाते हैं। यह त्यौहार 5 दोनों का त्यौहार होता है।इस दिन सब नए-नए कपड़े पहन कर एक दूसरे को मिठाई व उपहार देते हैं तथा शाम को लक्ष्मी पूजा करके दिये व मोमबत्ती जलाने के साथ-साथ पटाखे व आतिशबाजी करके दिवाली मानते है।

दिवाली पर निबंध 100 शब्दों में [Diwali Essay in 100 Words]

दिवाली भारत के सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय दिवाली त्यौहारों  में से एक है। इसे दीपोत्सव भी कहा जाता है। जब भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटे तब अयोध्यावासियों ने दिए जलाकर उनका स्वागत किया था। उन्हीं की याद में हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को दिवाली मनाई जाती है। इस अवसर पर हिंदू धर्म को मानने वाले लोग अपने घरों की साफ सफाई करके विशेष साज–सज्जा द्वारा अपने घरों, दुकानों आदि की सजावट करते हैं। इस अवसर पर विशेष धार्मिक आयोजन (यज्ञ) आदि किए जाते हैं। इस दिन परिवार के सभी लोग मिल–जुलकर लक्ष्मी व गणेश जी का सायंकाल को पूजन करते हैं। इस दिन सब लोग एक दूसरे को मिठाई व उपहार भी देते हैं। रात्रि में सभी लोग अपने घरों में मिट्टी के दिये मोमबत्ती व इलेक्ट्रॉनिक झालरों से रोशनी करते हैं और अमावस्या की काली अंधेरी रात को जगमग रोशन रात में परिवर्तित कर देते हैं। इस त्यौहार पर पटाखों की भी धूम रहती है। इस त्यौहार को सभी धूमधाम से मनाते हैं। दिवाली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक मना जाता है।

दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में [Essay on Diwali in 200 Words]

त्यौहार भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमारी एकता और उल्लास के प्रतीक होते हैं। दिवाली भारत में मनाया जाने वाला ऐसा ही एक प्रमुख त्यौहार है जो हमारे जीवन में खुशियां व रोशनी लाता है। यह त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का त्यौहार है। कहा जाता है कि रावण वध के पश्चात प्रभु श्री राम जी 14 वर्ष के वनवास के बाद इसी दिन अपने राज्य अयोध्या वापस लौट आए थे। उनके वापस आने पर नगरवासियों ने घी के दीप जलाकर, सारा नगर सजाकर उनका स्वागत किया था। और आज भी लोग इसी परंपरानुसार नए कपड़े पहनकर अपने घर दुकान, मकान आदि को सजा कर दिये जलाकर मिठाइयां बताकर इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम वह उत्साह के साथ मनाते हैं। दिवाली 5 दिन तक मनाया जाने वाला त्यौहार है। इस पंचोंत्सव भी कहा जाता है। धनतेरस,छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी,दिवाली,गोवर्धन पूजा व भैया दूज। दिवाली के दिन घर में तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। शाम को सब नए-नए कपड़े पहन कर लक्ष्मी पूजन करते हैं। घरों को दिए मोमबत्ती वह बिजली की झालरों से रोशन किया जाता है। लोग एक दूसरे को दिवाली की बधाई के साथ-साथ मिठाइयां व उपहार भी भेंट करते हैं। इस अवसर पर आतिशबाजी भी की जाती है। दिवाली से अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है तथा उससे अगले दिन भैया दूज मनाई जाती है। कुछ लोग दीपावली के अवसर पर जुआ भी खेलते हैं यह बहुत गलत है। हमें ऐसा करके दीपावली के पवित्र त्यौहार की पवित्रता को भंग नहीं करना चाहिए।

दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में:-[Essay on Diwali in 500 words]

“दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली आई,खुशी मनाओं खुशी मनाओं आज दिवाली आई”

दीपावली का अर्थ है दीपों की पंक्ति या कतार।दीपावली का उत्सव पूरे भारत में हर्ष व उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसकी तैयारी लोग कई दिन पहले से ही करना आरंभ कर देते हैं। दीपावली से पूर्वी लोग अपने घरों, दुकानों और दफ्तरों की साफ–सफाई व रंग–पुताई में लग जाते हैं। इसके बाद इन सभी स्थानों को रोशनी, फूलों, रंगोली आदि सजावटी वस्तुओं के साथ सजाया जाता है। दीपावली को रोशनी के त्यौहार के रूप में भी जाना जाता है। दीपावली देवताओं की पूजा करने, मिठाई खाने, पटाखे जलाने और अपने परिवार,रिश्तेदारों के साथ मिल–जुलकर खुशियां मनाने का भी त्यौहार है।

प्रचलित कथा के अनुसार भगवान राम लक्ष्मण और सीता जी के 14 वर्ष के वनवास को पूरा करने और रावण वध के बाद जब यह अपने घर अयोध्या वापस आए तब उनके स्वागत के लिए पूरी नगरी को दीपों से रोशन किया गया और लोग आज भी दीपावली पर इसी पर प्रथा को निभाते हैं। साथ ही कहा जाता है कि इस दिन धन की देवी लक्ष्मी भी पृथ्वी पर भ्रमण के लिए आती है। यह देखने के लिए कौन मेरे स्वागत के लिए कितनी तैयारी करता है? और इसी आशा से लोग अपने घरों,दफ्तरों को रंगोली,दिए,मोमबत्ती और सजावटी लाइटों से सजाते हैं और श्रद्धा पूर्वक लक्ष्मी–गणेश जी का पूजा खील–बताशो व भिन्न–भिन्न प्रकार के व्यंजनों तथा मिठाइयों से करते हैं। दीपावली पर सब एक दूसरे को मिठाईयां वह उपहार भी देते हैं। शाम को सब मिल–जुलकर आतिशबाजी करते पटाके जलाते हैं। दीपावली केवल 1 दिन का त्यौहार ना होकर 5 दोनों का त्यौहार है। यह त्यौहार विजयदशमी के त्योहार से 20 दिन बाद आता है। दीपावली उत्सव के 5 दिनों में से सर्वप्रथम धनतेरस, दूसरा नरक चतुर्दशी या छोटी दीवाली,तीसरा दिन दीपावली, चौथा दिन गोवर्धन पूजा व पांचवां त्यौहार भैया दूज होता है। दीपावली पर सार्वजानिक अवकाश रहता है।

दीपावली पर सभी छोटे-बड़े व्यापारियों की अच्छी खासी कमाई हो जाती है। दीपावली का एक सबसे बड़ा लाभ यह भी होता है कि लोग अपने घर–आंगन और आस–पास सब कुछ साफ–सुथरा कर देते है जिससे मां लक्ष्मी का आगमन उनके घर हो। दीपावली पर छोटे आदमी जैसे कुम्हार, सजावटी सामान बनाने वाले व मूर्तिकारों को भी लाभ होता है। यह त्यौहार उनके घरों में लाभ के साथ साथ खुशियां भी लेकर आता है। वैसे तो दीपावली बहुत पवित्र त्यौहार है, परंतु इसी त्यौहार को कुछ लोग शराब पीकर,जुआ खेल कर मनाते हैं और ऐसा करने करके वह अपने साथ-साथ इस त्यौहार की खुशियों में ग्रहण लगा देते हैं। क्योंकि ऐसे लाखों जुएं में अपने साल भर की कमाई को गवां देते हैं जिससे न केवल वे अपितु उनके साथ परिवार कर्ज में डूब जाता है। इसी प्रकार शराब का सेवन करने वाले लोग सड़कों पर लड़ाई–झगड़ा और मारपीट करके इस त्यौहार के रंग में भंग डाल देते हैं जो एकदम गलत है। अत: दीपावली मनाते समय हमें उत्सव की पवित्रता को बनाए रखना चाहिए ताकि दीपावली अपने नाम की तरह जन समुदाय के जीवन को रोशन से भर दें।

इसी के साथ आप सभी को दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं।

दीपावली पर निबंध 1000 शब्दों में [Essay on Diwali in 1000 words]

प्रस्तावना:.

भारत देश उत्सव, त्यौहारों और पर्वों का देश है। यहां के लोग सभी त्यौहार मिल–जुलकर मनाते है। दीवाली भारत का ऐसा ही लोकप्रिय त्यौहार है जिसे पूरे भारतवर्ष में कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। अनगिनत दीपकों, मोमबत्तियों, कंदीलों और इलेक्ट्रॉनिक झालरों की जगमगाहट से अमावस्या की अंधेरी रात मानो शरद पूर्णिमा में परिवर्तित हो जाती है। यह त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।

दीवाली का महत्व:

भारतीय लोगों के लिए यह त्यौहार एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। लोग दीवाली को बड़े हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाते हैं। दशहरे से 20 दिन बाद आने वाले इस त्यौहार की लोग पहले से ही तैयारी शुरू कर देते हैं। अपने घरों के कोने-कोने को साफ करना, रंग–पुताई करवाना, खरीदारी करना आदि। खरीबदारी में लोग कपड़े, गहने, सजावट के समान, इलेक्ट्रॉनिक सामान, मिट्टी से बने दिए–मूर्तियां, रसोई के बर्तन, वाहन तथा हीरे,सोने, चांदी आदि खरीदते हैं।

दीवाली क्यों मनाई जाती है:

दीपों के इस त्यौहार को किसी न किसी रूप में समस्त भारत में मनाया जाता है। इस त्यौहार के साथ अनेक कथाएं भी जुड़ी हैं।

लंकापति रावण का वध करने के उपरांत अपना 14 वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद जब श्री रामचंद्र अनुज लक्ष्मण और माता-सीता के साथ अयोध्या वापस आए तो नगर वासियों ने पूरा नगर दिए व फूलों से सजाया और घर-घर मिठाइयां बांटकर उनके आने की खुशी का उत्सव मनाया। तब से इसी परंपरा को निभाते हुए दीवाली मनाई जा रही है।

कहा जाता है कि धर्मराज युधिष्ठिर के राजसूर्य यज्ञ की समाप्ति जिस दिन हुई थी, वह दिन भी कार्तिक मास की अमावस्या का ही दिन था।पौराणिक कथानुसार सागर मंथन के समय लक्ष्मी जी भी इसी दिन धरती पर आई इसलिए इस दिन लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं।

आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद का निर्वाण दिवस भी दीवाली का दिन ही है इसलिए आर्यसमाज के लोग इस दिन जगह–जगह यज्ञशालाओं में यज्ञ का आयोजन करते है।

जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर स्वामी का भी निर्वाण दिवस कार्तिक मास की अमावस्या को ही मनाया जाता है। इसलिए जैन धर्म के अनुयायियों के लिए भी इस दिन का विशेष महत्व है।

इस प्रकार यह त्यौहार भारतीयों के लिए विशेष व महत्वपूर्ण है।

दीवाली कैसे मनाई जाती है:

यह त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इसलिए इस त्यौहार पर चारों ओर दिए, मोमबत्ती व इलेक्ट्रॉनिक झालरों द्वारा रोशनी की जाती है। घरों के मुख्य द्वार और आंगनों को रंगोली द्वारा सजाया जाता है। दीवाली वाले दिन घरों की विशेष सजावट फूलों व अन्य सामानों द्वारा की जाती है। सभी छोटे-बड़े नवीन वस्त्र धारण करते हैं।शाम के समय रीति–रिवाज अनुसार धन की देवी लक्ष्मी व बुद्धि के देवता श्री गणेश जी की सपरिवार विधि-विधान द्वारा खील, बताशो, नाना प्रकार के व्यंजनों व मिठाइयों से पूजा की जाती है।तत्पश्चात सब एक दूसरे के घर मिठाइयां व उपहार बांटकर आपस में दीवाली की शुभकामनाएं देते हैं। दीवाली के दिन आतिशबाजी करने का भी विशेष प्रचलन है। कुछ लोग इस दिन जुआ भी खेलते हैं। दीवाली की रौनक देखनी तो बनती है चारों और रोशनी ही रोशनी और दिवाली की खुशियों में मग्न लोग। वास्तव में दीवाली उत्सव दो युग सतयुग और त्रेता युग से जुड़ा हुआ है। सतयुग यानी लक्ष्मी जी का आगमन, त्रेता युग ज्ञानी श्री रामचंद्र जी की वनवास पूरा करने के उपरांत अयोध्या  वापसी। क्योंकि लक्ष्मी जी को इस दिन पृथ्वी पर भ्रमण के लिए आना होता है और विष्णु जी इस समय योगनिंद्रा में होते हैं। इसलिए लक्ष्मी जी अपने पुत्र गणेश के साथ आती है। इसलिए इस दीवाली के दिन लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।

दीवाली पर्व फायदे:

दीवाली मनाने का धार्मिक के साथ-साथ आर्थिक व सामाजिक महत्व भी है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि व्यापारी लोग अपने नए बही खातों का आरंभ दीवाली वाले दिन से ही करते हैं। धनतेरस से ही बाजार की सभी दुकानों, कपड़ों, मिठाई, पटाखे, बर्तन, घरेलू उपकरण, साज–सज्जा के सामान, वाहन आदि की बिक्री बढ़ जाती है। जिससे व्यापारियों को सालभर से अधिक लाभ होता है। दीवाली की वजह से ही  छोटे व्यवसाय वाले लोगों को भी जैसे कुम्हार, हलवाई आदि की भी अपनी कमाई साल भर की अपेक्षा दुगुनी करने का अवसर मिल जाता है। दीवाली त्यौहार का सामाजिक रूप से भी अपना विशेष महत्व है। इस त्यौहार को सब मिल–जुलकर हंसी–खुशी के साथ मनाते है। सब एक दूसरे के मिलते है, शुभकामनाएं देते है, घर–घर जाकर मिठाई व उपहार दिए जाते हैं जिससे आपस में प्रेम व रिश्तों की डोर और मजबूत होती है, साथ ही साथ पारिवारिक संबंधों के साथ सामाजिकता को भी बढ़ावा मिलता है।

दीवाली पर्व हानियां:

दीवाली एक ओर हमारे जीवन में जहां ढेर सारी खुशियां लेकर आती है वहीं पर इस पर्व के कुछ विपरीत परिणाम भी देखने को मिलते हैं जो निम्न है:–

आजकल देखा जा रहा है कि आधुनिकता की होड में मनती दीवाली में मिट्टी के दीपक को इलेक्ट्रॉनिक झालरों में परिवर्तित किया जा रहा है जिससे बिजली की खपत बढ़ने के साथ-साथ मिट्टी के सामान बेचने वालों की आमदनी घटती जा रही है, जिससे उन्हें साल भर अपने परिवार का पोषण करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

दीवाली पर लोग एक दूसरे की होड में ज्यादा से ज्यादा पैसे खर्च करने के चक्कर में इसकी वास्तविक परंपराओं को भूलते जा रहे हैं और धीरे-धीरे दिवाली का त्यौहार एक दिखावे वाले त्यौहार में परिवर्तित होता जा रहा है।

दीवाली पर चलने वाले पटाखे भी प्रदूषण की दृष्टि से हानिकारक के साथ-साथ उनसे आग लगने व पटाखे जलाने वाले के जलने आदि की भी घटनाएं प्राय: देखने को मिलती है। कभी–कभी तो इन पटाखों से निकली तेज रोशनी के कारण कोई अपनी आंखों को तो कोई इनकी तेज आवाज़ से अपनी सुनने की क्षमता को भी खो देता है इसलिए हम प्रदूषण रहित ग्रीन दीवाली पर भी विचार करना आवश्यक है।

इसी प्रकार दिवाली पर जुआ खेलना न सिर्फ उसे व्यक्ति बल्कि उसके पूरे परिवार के लिए आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से हानिकारक है।

अंत में दिवाली से हमें नई रोशनी की प्रेरणा मिलती है कि हम अपने जीवन के सभी बुराइयां रूपी काली रात अमावस्या की रात को अपनी अच्छाइयां और नैतिकता की भावना की रोशनी से जगमग करें और इस महत्वपूर्ण त्यौहार को मिल–जुलकर खुशियां और हर्षौल्लास के साथ मनाएं।

आप सबको दीवाली की ढेर सारी शुभकामनाएं।

दीपों का त्योहार आया है। खुशियों की सौगात लाया है। घर-घर में रौशनी का साया है। अंधकार को दूर भगाया है। फुलझड़ियों का रंग छाया है। आसमान में नया चमका सितारा है। फैली मिठाइयों की खुशबू है। हर-घर में प्रेम की बोली है। सज गया घर,सज गया द्वार है। दीपों से जगमगा गया संसार है। आओ श्री गणेश और माता लक्ष्मी का स्वागत करें। हर दिल में प्रेम भाव उजागर करें। सदा जलते रहे यूं ही दिये हमारे। खुशियाँ बरसे हर घर हमारे। सुख समृद्धि का आया पर्व। दीपावली का यह पावन पर्व।

दीपावली पर 10 लाइन का निबंध:-[Dipawali Essay in 10 Lines]

  • दीपावली यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है दीप + आवली जिसका अर्थ है दीपों की आवली या पंक्ति।
  • दीपावली का त्योहार हिन्दु पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।
  • आज ही के दिन भगवान श्री राम अपनी पत्नी व भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या पहुँचे थे।
  • दिवाली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मना जाता है।
  • दीपावली से पहले ही  सभी अपने घरों,दुकानों,मकान की सफाई शुरु कर देते है,और दियों,झालारों,फूलों से सजावट करते है।
  • दिवाली का त्योहार 5 दिनों तक चलने वाला त्योहार है।
  • धनतेरस पर श्री कुबेर एवं धन्वंतरि जी की आराधना की जाती है।
  • दिवाली के दिन शाम को माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है,गोवर्धन पूजन पर भगवान श्री कृष्णौ और गोवर्धन  की पूजा होती है,भैयादूज भाई- बहन का त्योहार होता है।
  • दिवाली के दिन नये कपड़े पहनते है,पकवान बनाते है,देवी देवताओं की पूजा अर्चना करते है।
  • बच्चे रात को पटाखे जलाते है यह उनके लिए सबसे ज्यादा उल्लास भरा कार्य होता है।

दीवाली के साथ मनाए जाने वाले अन्य त्यौहार [Other Festivals Which Are Celebrated with Diwali]

दीवाली अपने साथ साथ अन्य त्यौहारों को भी लाती है इसलिए इसे पंचोत्सव भी कहा जा सकता है। इसके साथ मानत जाने वाले त्यौहार निम्न है :–

   इसे धनतेरस या धनवंतरी जयंती भी कहते है यह दीवाली की श्रृंखला में मनाया जाने वाला प्रथम त्यौहार है। इस दिन लोग अपने घर के घरेलू सामान,बर्तन या आभूषणों की खरीदारी करके  धन के देवता कुबेर को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।

2. छोटी दीवाली:–

   इसे नरक चतुर्दशी भी कहते है। इस दिन सब यम भगवान के नाम का दीपक जलाकर अपने घरों से अकाल मृत्यु के आगमन के भय को दूर करने का प्रयास करते है।

3. दीपावली:–

   यह पंचोत्सव का मुख्य त्यौहार है। इस दिन घरों को सजाकर दीपक,मोमबत्तियां व झालरों से रोशनी करके लक्ष्मी–गणेश जी का पूजन कर मिठाइयां व उपहार एक दूसरे को दिए जाते है व आतिशबाजी भी की जाती है।

4. गोवर्धन पूजा:–

   इस दिन गोवर्धन पर्वत की विधिवत पूजा की जाती है।माना जाता है की जो गोवर्धन पूजन पर भगवान श्री कृष्ण को 56 भोग लगाता है उसकी मनोकामना पूर्ण होती है,जब भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया था उसके बाद से गोवर्धन पूजन की प्रथा चली आ रही है।

5. भैया दूज:–

यह दीवाली श्रृंखला का अंतिम त्यौहार है। इस दिन बहने अपने भाइयों को माथे पर तिलक कर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है और भाई उन्हें बदले में उपहार भेंट करते है ।

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प्रश्न – 1: दिवाली कब मनाई जाती है?

उत्तर – दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है।

प्रश्न – 2: दिवाली क्यों मनाई जाती है?

उत्तर – भगवान श्री राम  14 वर्ष के वनवास को पुरा करने के बाद,अपनी पत्नी और भाई लक्षमन अयाध्या लौटे थे। उनके आने की खुशी में दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

प्रश्न – 3: दिवाली के 5 उत्सव कोन- कोन से है?

उत्तर – दीवाली के 5 उत्सव निम्न है- 1. धनतेरस 2. छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी 3. दिवाली 4. गोवर्धन पूजन 5. भैयादूज

प्रश्न – 4: दिवाली कैसे मनाई जाती है?

उत्तर – कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली मनाई जाति है,इस दिन लोग अपने घरों,दुकानों को सजाते है,द्वारों और घर के आंगन में रंगोली बनाई जाति है। दिवाली पर श्री गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। सब लोग आपस में मिठाई बांटते है,साथ मिलकर पटाखे जलाते है।

प्रश्न – 5: दिवाली पर किस भगवान की पूजा की जाती है?

उत्तर – दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है।

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Diwali Essay in Hindi

by StoriesRevealers | Apr 30, 2020 | Essay in Hindi | 20 comments

Diwali Essay in Hindi

Diwali Essay in Hindi: दिवाली का अर्थ है रोशनी की श्रृंखला। दिवाली भारत में हिंदू धर्म के सदस्यों द्वारा मुख्य रूप से मनाई जाने वाला रोशनी का त्यौहार है, हालांकि सिखों और जैनियों जैसे कई अलग-अलग धर्मों में भी दीपावली का त्यौहार मनाया जाता हैं। यह त्यौहार साल में एक कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है 

दिवाली साल के सबसे प्रमुख आश्चर्यजनक समय में से एक है, और यह दीवाली निबंध आपको इस बात की अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है कि इस त्योहार को क्या खास बनाता है। आइए जानते हें कि यह त्यौहार क्यों मनाया जाता हैं।

जब भगवान राम सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या पहुंचे तो गाँव वासियों ने श्री राम, सीता और लक्ष्मण के स्वागत के लिए दीये जलाए थें। जैन कहते हैं कि यह वह दिन था जब भगवान महावीर ने मोक्ष अर्जित किया था। वे इस तरह की प्राप्ति की खुशी में रोशनी दिखाते हैं। आर्य समाज के दयानंद सरस्वती ने भी इन दिनों निर्वाणा कि प्राप्त की थी।

Diwali Essay in Hindi

हिन्दू देवताओं का स्वागत करने के लिए, अपने घरों और दुकानों पर दीये जलातें हैं, जिससे उन्हें आने वाले वर्षों के लिए शुभकामनाएँ मिल सकें। और वह उन पर धन और भाग्य बरसाने की प्रार्थना करते हैं। लोग नए व्यवसाय शुरू करते हैं और एक सफल वर्ष के लिए प्रार्थना करते हैं। धन की देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए दीपक जलाए जाते हैं।

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पड़ोसी, परिवार के सदस्य और दोस्त एक साथ आते हैं और इस दिन का आनंद लेते हैं। बहुत सारे स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए जाते हैं। इस अवसर पर जलेबी, गुलाब जामुन, शंकर पाले, खीर, काजू बर्फी, सूजी हलवा, सबसे लोकप्रिय हैं। सभी घर रोशनी और रंगोलियों में बहुत आकर्षक लगते हैं। यह सब इस उत्सव को बहुत सुखद बनाता है।

रात में, लैंप, मोमबत्ती और बिजली के बल्बों के साथ अच्छी तरह से प्रकाशमान होते हैं। राहगीरों को आकर्षित करने के लिए मिठाई और खिलौनों की दुकानों को सजाया गया होता है। बाजारों और सड़कों पर भीड़भाड़ होती है। लोग अपने के लिए मिठाई खरीदते हैं और उन्हें अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को उपहार के रूप में भी भेजते हैं। इस दिन लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है, वह चांदी के सिक्कों को चढाया जाता हैं। मानयता है कि इस दिन, लक्ष्मी केवल उन घरों में प्रवेश करती है जो साफ-सुथरे हैं। लोग अपने अच्छें स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं। 

रंगोलिस के साथ, पटाखे, नृत्य, और गानों का आयोजन होता हैं।, दिवाली के समय सभी आपकी पसंदीदा मिठाइयों को खाते हैं। और यह हिन्दुओं कि स्वागत परंपरा को प्रदर्शित करता है। दरअसल, दिवाली के सही मायने में आने से बहुत पहले मिठाई का आनंद लेना शुरू हो जाता है। दोस्तों, परिवार, पड़ोसियों और सहकर्मियों द्वारा पारंपरिक भारतीय मिठाइयों, जैसे बर्फी, लड्डू, पेडें, रसगुल्ले, ड्राई फ्रूट्स, और यहां तक कि चॉकलेट्स और ढेर सारे रंगबिरंगी व्यंजनों के शानदार पैकेजों का आदान-प्रदान होंना चालू हो जाता हैं।

नए वस्त्र पहने जाते हैं बच्चों और किशोरों ने अपने सबसे चमकदार और मन पसंद कपड़े पहने होते हैं। रात में, आतिशबाजी और पटाखे पलाये जाते हैं – आतिशबाजी की शानदार चमक अंधेरे, चांदनी रात में एक अति सुंदर दृश्य प्रस्तुत करती है।

भारत, नेपाल, त्रिनिदाद, श्रीलंका, मॉरीशस, सिंगापुर, गुयाना, सूरीनाम, फिजी, और मलेशिया में दिवाली की छुट्टी मनाई जाती है। दिवाली पर, भारतीय व्यवसायों के लिए हिंदी वर्ष शुरू होता है। दीवाली भारतीय फसल के मौसम का प्रतिनिधित्व करती है।

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दीवाली के लिए अनुष्ठान और व्यवस्था दिनों या हफ्तों से शुरू हो जाती है या अग्रिम होती है, जो कि दशहरे के त्योहार के ठिक बाद ही शुरू हो जाती है। आधिकारिक रूप से या औपचारिक रूप से यह त्योहार दीवाली की रात से दो दिन पहले शुरू होता है और दो दिन बाद समाप्त होता है। हर एक दिन के अलग रीति-रिवाज और रस्में होती हैं।

धनतेरस पर हिंदू सोना या चांदी या बर्तन लेना शुभ मानते हैं। यह माना जाता है कि यह एक शुभ मूल्य सौभाग्य का संकेत हो सकते हैं। लक्ष्मी पूजा शाम को होती है।

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